Bhagalpur News: शहर में बुधवार को मां काली के प्रति आस्था और श्रद्धा का जो माहौल देखने को मिला, वह अद्भुत था. प्रातः से ही विभिन्न पूजा स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही और सुबह से देर शाम तक पूजा-अर्चना का क्रम जारी रहा. शाम को महाआरती के बाद शहर में मां काली की प्रतिमा की विशेष शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें पारंपरिक रथ, झांकियां और अस्त्र-शस्त्रों के साथ झिलमिलाते सजावट ने लोगों का मन मोह लिया.
देशभक्ति और परंपरा का संगम
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आदमपुर पूजा स्थल पर देशभक्ति को दर्शाती झांकी सजाई गई थी, जिसमें भारत-पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक विजय के दृश्य को श्रद्धालुओं ने देखा और उत्साह व्यक्त किया. घंटाघर चौक पर श्रद्धालुओं ने अपने हाथों में पारंपरिक हथियार और झंडे लेकर शक्ति का प्रदर्शन किया. वहीं कोयलाघाट की प्रतिमा 15 घुड़सवारों के साथ स्टेशन चौक पहुंची, जहां अध्यक्ष राजू यादव के नेतृत्व में शोभायात्रा आगे बढ़ी.
युवाओं और श्रद्धालुओं का उत्साह
युवाओं की टोली ने गाजे-बाजे की धुन पर नृत्य करते हुए शोभायात्रा में चार चाँद लगा दिए. श्रद्धालुओं ने ढोल-ढाक, बैंड-बाजे और पारंपरिक शस्त्रों के साथ भाग लिया. हड़बड़िया काली स्थल में प्रसाद वितरण किया गया, जबकि बड़ी हसनगंज समेत अन्य पूजा स्थलों पर विधि-विधान के साथ अर्चना संपन्न हुई.
विसर्जन की तैयारी और मार्ग
महासमिति के अंतर्गत 79 प्रतिमाओं के अलग-अलग जत्थे निर्धारित मार्ग से स्टेशन चौक के लिए रवाना हुए. विसर्जन शोभायात्रा का मार्ग स्टेशन चौक से वेराइटी चौक, खलीफाबाग, कोतवाली चौक, नयाबाजार, बूढ़ानाथ, दीपनगर, मानिक सरकार, आदमपुर और खजरपुर होते हुए मुसहरी गंगा तट के विसर्जन तालाब तक था. महासमिति के प्रवक्ता गिरीशचंद्र भगत ने बताया कि पहली प्रतिमा दोपहर एक बजे विसर्जन स्थल तक पहुंची.
श्रद्धा और भक्ति का उत्सव
पूरे दिन मां काली की पूजा-अर्चना और प्रतिमा विसर्जन ने शहरवासियों में उत्साह और आस्था का माहौल बना दिया. पारंपरिक और सांस्कृतिक रंगों से सजी शोभायात्रा ने सभी की आँखों में उल्लास और श्रद्धा का संचार किया.
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