Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की अंदरूनी कलह खुलकर सतह पर आ गई है. टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी के भीतर ऐसा असंतोष पनपा है कि अब यह सीधे प्रेस कॉन्फ्रेंस तक पहुंच गया है. शनिवार को पटना में कांग्रेस के कई मौजूदा और पूर्व विधायकों ने एक साथ प्रेस के सामने आकर प्रदेश प्रभारी, अध्यक्ष और विधायक दल के नेता पर ‘धोखेबाजी’ और ‘पक्षपात’ के आरोप जड़ दिए.
बैठक में मौजूद नेताओं ने कहा कि टिकट वितरण की प्रक्रिया पूरी तरह गुप्त और मनमानी तरीके से चलाई गई. किसी से राय नहीं ली गई और न ही पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत का सम्मान किया गया. इस माहौल में कांग्रेस चुनावी मैदान में दस सीटें भी नहीं जीत पाएगी — यह बात पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता और रिसर्च विभाग के चेयरमैन आनंद माधव ने कही, जिन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही अपने सभी पदों से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया.
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राहुल गांधी को गुमराह करने का आरोप
खगड़िया के विधायक छत्रपति यादव ने प्रदेश प्रभारी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने पिछले छह महीनों में “गंदी राजनीति” की और राहुल गांधी को लगातार गलत सूचनाएं दीं. उनके मुताबिक, इस बार टिकट बंटवारे की प्रक्रिया इतनी उलझी हुई रही कि पहले चुनाव चिन्ह बांटे गए और बाद में प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी गई — जो कांग्रेस के इतिहास में पहली बार हुआ.
एकजुटता पर संकट, असंतोष सड़कों तक पहुंचा
बिहार कांग्रेस में उठी यह बगावत अब केवल संगठन के भीतर तक सीमित नहीं रही. नाराज नेताओं ने प्रेस के जरिए अपने विरोध को सार्वजनिक कर दिया है. इनका कहना है कि टिकट बंटवारे ने न सिर्फ पार्टी की साख को नुकसान पहुंचाया है बल्कि राहुल गांधी तक को भ्रमित कर दिया गया है. इससे कांग्रेस की एकजुटता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है और चुनाव से ठीक पहले संगठन में अविश्वास की दीवार खड़ी हो गई है.
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