Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार को घटा एक भयावह हादसा पूरे प्रदेश को झकझोर गया है. पिपलौद गांव के एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 मासूम बच्चों की जान चली गई, जबकि कई घायल हो गए. अब सामने आया है कि स्कूल की दीवारों में सीलन थी, पौधे उग आए थे और हालत बेहद जर्जर हो चुकी थी. गांव वालों का दावा है कि उन्होंने कई बार प्रशासन को इस बारे में जानकारी दी थी, लेकिन हर बार अनदेखी हुई. अब जब जानें जा चुकी हैं, तब सरकार और अधिकारी हरकत में आए हैं.
मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश, 5 कर्मचारी निलंबित
घटना के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अधिकारियों के साथ आपात बैठक कर स्पष्ट निर्देश दिया कि राज्य में कोई भी स्कूल भवन जर्जर स्थिति में नहीं रहना चाहिए. उन्होंने वीडियो संदेश जारी कर कहा कि यह घटना बेहद दुखद और हृदयविदारक है. राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है और घायलों को सर्वोत्तम इलाज देने का निर्देश दिया गया है. इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं. साथ ही स्कूल के पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है.
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#WATCH | जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने झालावाड़ में एक स्कूल की छत गिरने की घटना पर कहा, "यह बहुत दुखद और हृदयविदारक घटना है। इस घटना में मासूम बच्चों की मौत से मन व्यथित है। राज्य सरकार इस घटना से प्रभावित परिवारों के साथ है… प्रशासन को घायलों को बेहतर इलाज… pic.twitter.com/TFD9CjhdlA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 25, 2025
छात्राओं और ग्रामीणों ने बताई दर्दनाक स्थिति
हादसे के प्रत्यक्षदर्शियों ने जो बताया, वह स्थिति की गंभीरता को उजागर करता है. एक छात्रा ने कहा कि घटना के वक्त वह दूसरे कमरे में थी और अचानक धमाके जैसी आवाज आई. जब वह बाहर निकली, तो देखा कि पूरा कक्षा कक्ष भरभराकर गिर चुका था. एक अन्य छात्रा ने बताया कि स्कूल की दीवारों में सीलन और रिसाव था, साथ ही वहां पौधे तक उग आए थे. एक ग्रामीण ने बताया कि पहले एक कमरा ढहा, फिर उसके बाद बगल का भी. हादसे के बाद जिला प्रशासन ने पूरी इमारत को ढहा दिया है ताकि और कोई दुर्घटना न हो.
हादसे के बाद मची अफरा-तफरी, लोगों ने खुद शुरू किया बचाव
स्थानीय निवासी ने बताया कि वह सड़क किनारे बैठा था, तभी एक जोरदार धमाका हुआ. जब पीछे मुड़कर देखा, तो स्कूल का एक हिस्सा ढह चुका था और बच्चे चिल्ला रहे थे. लोग दौड़ पड़े और मलबा हटाकर बच्चों को बाहर निकालने लगे. कई घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया. अब भी नौ बच्चे ICU में भर्ती हैं, जिनमें से दो का ऑपरेशन हो चुका है.
जिलाधिकारी का दावा सवालों के घेरे में
झालावाड़ के जिलाधिकारी अजय सिंह ने दावा किया कि यह स्कूल भवन जर्जर स्कूलों की सूची में नहीं था. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग से हाल ही में ऐसी इमारतों की सूची मांगी गई थी, लेकिन यह भवन उसमें शामिल नहीं था. उन्होंने जांच का भरोसा दिलाया और कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया और बताया कि तहसीलदार व एसडीओ को कई बार इस भवन की स्थिति से अवगत कराया गया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. लोगों का कहना है कि यह हादसा प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है.
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