Bihar News: भागलपुर जिले के 29 रूटों को अब अंतरक्षेत्रीय मार्ग के रूप में चिह्नित कर लिया गया है. परिवहन विभाग ने इन सभी रूटों को अधिसूचित करने की अनुशंसा कर दी है. इस निर्णय से इन मार्गों पर अब परमिट जारी करना संभव हो सकेगा. इसका सीधा लाभ यात्री सुविधा, माल ढुलाई, संसाधनों के आदान-प्रदान और क्षेत्रीय विकास के रूप में सामने आएगा.
विभाग के अनुसार, जब तक किसी मार्ग को अधिसूचित नहीं किया जाता, तब तक उस पर परमिट नहीं जारी किए जा सकते. अब रूटों के अधिसूचित होने से परिवहन नेटवर्क को मजबूती मिलेगी. यात्रा का समय घटेगा, संसाधनों का प्रभावी उपयोग होगा और आर्थिक-सामाजिक विकास को गति मिलेगी. विभाग का मानना है कि एक क्षेत्र के संसाधन अब अन्य क्षेत्रों तक सरलता से पहुंच सकेंगे, जिससे विकास की असमानता भी घटेगी.
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संसाधनों के आदान-प्रदान को मिलेगी सहजता
इन रूटों के माध्यम से कृषि उत्पाद जैसे सब्जी, फल, अनाज, दूध और मछली को उन क्षेत्रों में भेजा जा सकेगा, जहाँ इनकी कमी है. इसी प्रकार, हैंडलूम, हस्तशिल्प, लकड़ी के सामान, बर्तन व अन्य कुटीर उद्योगों के उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुंचाना आसान होगा.
निर्माण सामग्री जैसे बालू, ईंट, सीमेंट, सरिया, पत्थर आदि की आपूर्ति अब व्यवस्थित रूप से हो सकेगी. श्रमिकों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे. शिक्षा, स्वास्थ्य और सरकारी सेवाओं की पहुंच भी दूरस्थ क्षेत्रों तक हो सकेगी.
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चिह्नित 29 अंतरक्षेत्रीय मार्ग (भागलपुर आरटीओ क्षेत्र):
- भागलपुर बस स्टैंड – उदाकिशुनगंज (68 किमी)
(भागलपुर जीरोमाइल, जगतपुर, नवगछिया, कदवा, चौसा, पुरैनी) - भलजोर – भागलपुर बस स्टैंड (54 किमी)
(याम बाजार, बौंसी, ढाकामोड़, पुनसिया, रजौन, जगदीशपुर) - भागलपुर बस स्टैंड – बैरगाछी (54 किमी)
(भूतनाथ रोड, चंपानगर, नाथनगर, गोपालपुर, नारायणपुर, रंगरा, भानस) - भागलपुर बस स्टैंड – बिहपुर (51 किमी)
(गोराडीह, तिलकामांझी, सुलतानगंज, घोघा, नाथनगर, बिहपुर) - भागलपुर – गोड्डा (70 किमी)
(भागलपुर जीरोमाइल, सबौर, रंगरा, महेशखूंट, मानसी, जमालपुर, कजरा, भैरवपुर) - बांका – भागलपुर (42 किमी)
(कटोरिया, बेलहर, संग्रामपुर, तारापुर, भागलपुर) - भागलपुर बस स्टैंड – खरीक (38 किमी)
(नाथनगर, हबीबपुर, रंगरा, नवगछिया, खरीक) - घोघा – भागलपुर (34 किमी)
(घोघा, सुलतानगंज, तिलकामांझी, भागलपुर) - सुलतानगंज – आलमनगर (95 किमी)
(भागलपुर जीरोमाइल, नवगछिया, चौसा, पुरैनी, कारमा) - भागलपुर – मधेपुरा (112 किमी)
(भागलपुर जीरोमाइल, नवगछिया, चौसा, पुरैनी, बिहारीगंज, गम्हरिया, मधेपुरा) - भागलपुर – बेलहर (63 किमी)
(भागलपुर जीरोमाइल, जगदीशपुर, सन्हौला, रजौन, बौंसी, बेलहर) - बांका – नवगछिया (72 किमी)
(बौंसी, रजौन, सन्हौला, भागलपुर, सबौर, रंगरा, नवगछिया) - बांका – मधेपुरा (146 किमी)
(बौंसी, रजौन, भागलपुर, नवगछिया, चौसा, पुरैनी, मधेपुरा) - बांका – गोड्डा (102 किमी)
(बौंसी, चांदन, मसऊड़ाहा, मेहरमा, ठाकुरगंगटी, गोड्डा) - बौंसी – दरभंगा (228 किमी)
(बौंसी, रजौन, भागलपुर, नवगछिया, बिहारीगंज, मधेपुरा, मुरलीगंज, सुपौल, सहरसा, दरभंगा) - भनरा – मधेपुरा (194 किमी)
(कटोरिया, बांका, अमरपुर, भागलपुर बस स्टैंड, नवगछिया, चौसा, उदाकिशुनगंज) - भनरा – दरभंगा (234 किमी)
(कटोरिया, बेलहर, संग्रामपुर, तारापुर, सुलतानगंज, मुंगेर, समस्तीपुर, दरभंगा) - बांका – सीतामढ़ी (262 किमी)
(बांका, अमरपुर, भागलपुर, नवगछिया, सहरसा, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी) - भागलपुर – पचरुखी (74 किमी)
(भागलपुर बस स्टैंड, जगदीशपुर, सन्हौला, अमरपुर, बेलहर, पचरुखी) - सुलतानगंज – देवघर (128 किमी)
(सुलतानगंज, तारापुर, झाझा, बटिया, देवघर) - भागलपुर – देवघर (122 किमी)
(भागलपुर, घोघा, सुलतानगंज, तारापुर, झाझा, देवघर) - घोघा – देवघर (118 किमी)
(घोघा, सुलतानगंज, तारापुर, झाझा, देवघर) - सन्हौला – बांका (50 किमी)
(सन्हौला, चांदन, कटोरिया, बांका) - बौंसी – भागलपुर (48 किमी)
(बौंसी, रजौन, सन्हौला, भागलपुर) - धोरैया – भागलपुर (52 किमी)
(धोरैया, बौंसी, रजौन, भागलपुर) - गोराडीह – भागलपुर (20 किमी)
(गोराडीह, जीरोमाइल, भागलपुर) - साहेबगंज – भागलपुर (90 किमी)
(साहेबगंज, मनिहारी घाट, कटरिया, भागलपुर) - हबीबपुर – भागलपुर (17 किमी)
(हबीबपुर, सबौर, भागलपुर) - चंपानगर – भागलपुर (12 किमी)
(चंपानगर, तिलकामांझी, भागलपुर)
क्षेत्रीय विकास को मिलेगा प्रोत्साहन
अंतरक्षेत्रीय मार्गों से व्यवसाय, रोजगार और आपदा प्रबंधन को बल मिलेगा. आपातकाल में राहत सामग्री और कर्मियों को पहुंचाना अब अधिक सुगम होगा. इस कदम से भागलपुर समेत आसपास के जिलों को समग्र रूप से लाभ मिलेगा.
भागलपुर, मुजफ्फरपुर और दरभंगा आरटीओ क्षेत्र में कुल 246 अंतरक्षेत्रीय रूट चिह्नित
प्राप्त अनुशंसा के अनुसार इन रूटों के लिए लोगों से आपत्ति व सुझाव भी लिखित में आमंत्रित किए गए हैं.
“अंतरक्षेत्रीय मार्गों को चिह्नित किया गया है और अधिसूचित करने की अनुशंसा भी की गई है. जब तक मार्ग अधिसूचित नहीं होते, तब तक परमिट भी जारी नहीं हो सकते हैं. अंतरक्षेत्रीय मार्गों के कई फायदे हैं.”
— कुमारी अर्चना, डिप्टी सेक्रेटरी, परिवहन विभाग, पटना.
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