Iran US Relations: ईरान और अमेरिका के बीच तनाव एक बार फिर गहराने की कगार पर है. अमेरिका की जांच एजेंसी FBI ने पाकिस्तान में तैनात ईरानी राजदूत रेजा अमीरी मोगदम को मोस्ट वांटेड लिस्ट में डाल दिया है. उन पर 2007 में लापता हुए FBI एजेंट रॉबर्ट लेविंसन के अपहरण की साजिश रचने और ईरान सरकार की संलिप्तता छिपाने का गंभीर आरोप है. मामले ने कूटनीतिक हलकों में हलचल बढ़ा दी है.
दो अन्य ईरानी खुफिया अधिकारी भी शामिल
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FBI ने रेजा अमीरी मोगदम के अलावा ईरान के दो अन्य वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों—तागी दानेश्वर (सैय्यद तागी घामी) और गुलामहुसैन मोहम्मदनिया—को भी मोस्ट वांटेड लिस्ट में डाला है. तीनों के खिलाफ अमेरिका ने सार्वजनिक रूप से पोस्टर जारी किया है. बता दें, रॉबर्ट लेविंसन 2007 में ईरान के किश द्वीप गए थे और फिर रहस्यमय ढंग से गायब हो गए. तब से लेकर अब तक उनका कोई अता-पता नहीं चला है.
रेजा मोगदम पर सीधे निगरानी और अपहरण का आरोप
FBI का आरोप है कि रेजा अमीरी मोगदम उस समय ईरान के खुफिया मंत्रालय (MOIS) में सीनियर अफसर थे और उन्होंने ही लेविंसन के अपहरण की योजना पर निगरानी रखी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूरोप में ईरान के कई एजेंट भी उनकी निगरानी में काम कर रहे थे. FBI यह पता लगाने में लगी है कि अपहरण को अंजाम किन लोगों ने और किस तकनीक से दिया.
अमेरिका को संदेह: हिरासत में ही हुई होगी मौत
FBI का मानना है कि रॉबर्ट लेविंसन को ईरान में हिरासत में लिया गया था और संभव है कि इसी दौरान उनकी मौत हो गई हो. वरिष्ठ अधिकारी स्टीवन जेन्सेन के हवाले से कहा गया—ईरान सरकार ने अपहरण और मौत की घटना को छिपाया. हालांकि ईरान ने अब तक यह स्वीकार नहीं किया कि उसने लेविंसन को कभी हिरासत में लिया था.
पाकिस्तान के बलूचिस्तान को बनाया गया ढाल?
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मोहम्मदनिया जैसे अधिकारी यह दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि रॉबर्ट का अपहरण पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन ने किया है. इससे ईरान सरकार को आरोपों से बचाने का प्रयास किया जा रहा था.
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