Microsoft Layoffs 2025: दुनिया की अग्रणी टेक कंपनियों में शामिल माइक्रोसॉफ्ट ने एक बार फिर हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का बड़ा फैसला लिया है. इस बार कंपनी ने कुल 9,100 लोगों की छंटनी की है, जो इसके कुल वर्कफोर्स का करीब 4% हिस्सा है. कंपनी ने यह कदम वैश्विक मंदी, लागत नियंत्रण और मुनाफा बचाने जैसे कारणों के चलते उठाया है. यह छंटनी माइक्रोसॉफ्ट की 2023 के बाद की सबसे बड़ी छंटनी मानी जा रही है, जिससे हजारों परिवारों की आजीविका पर असर पड़ेगा.
4% वर्कफोर्स की कटौती, सबसे बड़ा झटका सेल्स टीम को
माइक्रोसॉफ्ट के कुल 2.28 लाख कर्मचारियों में से 9,100 को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. कंपनी की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इन छंटनियों में कितने कर्मचारी मुख्यालय (वॉशिंगटन) से हैं, लेकिन पहले हुए दो दौर की छंटनी में 2,300 वॉशिंगटन से थे. माना जा रहा है कि इस बार भी अधिकतम असर सेल्स, क्लाउड और सपोर्ट टीमों पर पड़ा है.
छंटनी के पीछे तीन बड़े कारण
कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह फैसला “ऑपरेशनल एफिशिएंसी” यानी कार्य कुशलता बढ़ाने के मकसद से लिया गया है. वैश्विक स्तर पर टेक सेक्टर मंदी के दौर से गुजर रहा है, निवेश घटा है, राजस्व में गिरावट आई है और कंपनियां कॉस्ट-कटिंग के जरिए मुनाफा बचाने में जुटी हैं.
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टॉप अधिकारी छुट्टी पर, अंदर बेचैनी बढ़ी
माइक्रोसॉफ्ट के चीफ कमर्शियल ऑफिसर जुडसन अल्थॉफ ने दो महीने की छुट्टी पर जाने का फैसला लिया है. कंपनी ने इसे उनकी ‘पर्सनल सैबेटिकल’ करार दिया है, लेकिन यह छुट्टी ऐसे वक्त पर आई है जब कंपनी में भारी उथल-पुथल है. अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक कर्मचारियों में डर और असमंजस का माहौल है, खासकर वे टीमें जो पहले ही अनिश्चितता के दौर से गुजर रही थीं.
बिग टेक में छंटनी का नया दौर
माइक्रोसॉफ्ट से पहले गूगल, मेटा, अमेजन और ट्विटर जैसी कंपनियां भी 2024-25 में बड़ी संख्या में छंटनी कर चुकी हैं. ऑटोमेशन, AI टूल्स और मुनाफा केंद्रित बिजनेस मॉडल के चलते बड़ी कंपनियां अब कम लोगों में ज्यादा काम करवाने की दिशा में बढ़ रही हैं. जानकारों का कहना है कि 2025 के अंत तक यह ट्रेंड और तेज हो सकता है.
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