8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग की कार्य-योजना पर मुहर लगा दी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि यह आयोग लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों के वेतन और लाभों पर असर डालेगा.
संरचना तय, समयसीमा भी निर्धारित
नया वेतन आयोग एक अस्थायी निकाय होगा जिसमें अध्यक्ष के साथ एक अंशकालिक सदस्य और एक सदस्य-सचिव शामिल किए गए हैं. इसे गठन की तारीख से 18 महीनों के भीतर अपनी सिफारिशें सौंपनी होंगी. आवश्यकता पड़ने पर आयोग विशेष मुद्दों पर अंतरिम सुझाव भी दे सकेगा. सभी प्रस्ताव आर्थिक स्थिति और राजकोषीय संतुलन को ध्यान में रखकर बनाए जाएंगे.
#WATCH | Delhi: The Union Cabinet, chaired by PM Modi, approved the Terms of Reference of the 8th Central Pay Commission.
— ANI (@ANI) October 28, 2025
Union Minister Ashwini Vaishnaw says, "The composition, the terms of reference, and the time period of the 8th Central Pay Commission have been approved by… pic.twitter.com/srQ5UYMk9N
तेजी से आगे बढ़ रही प्रक्रिया
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अश्विनी वैष्णव के अनुसार जनवरी में आयोग गठन को सैद्धांतिक स्वीकृति मिली थी और अब बहुत कम समय में इसकी औपचारिक स्थापना पूरी हो गई है. रेलवे, रक्षा और गृह मंत्रालय जैसे विभागों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया गया. कई राज्य सरकारों से भी समन्वय हुआ है और अधिकतर ने इसमें सहयोग जताया है. उम्मीद जताई जा रही है कि तय समय के भीतर आयोग अपनी रिपोर्ट दे देगा.
हर दशक में बदलता वेतन ढांचा
केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में सुधार के लिए सरकार समय-समय पर आयोग नियुक्त करती है. प्रथा यह रही है कि वेतन संरचना की समीक्षा लगभग हर दस वर्ष में लागू होती है ताकि कर्मचारियों को मुद्रास्फीति जैसे प्रभावों से राहत मिलती रहे.
2026 से लागू होने की संभावना
7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशें प्रभावी 1 जनवरी 2016 से मानी गई थीं, जबकि कैबिनेट की मंजूरी उसी साल जून में मिली. इसी क्रम में माना जा रहा है कि अगला वेतन ढांचा 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है.
किसानों के लिए उर्वरक सब्सिडी भी स्वीकृत
बैठक में दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय रबी 2025–26 सीजन के लिए उर्वरकों पर 37,952 करोड़ रुपये की सब्सिडी को लेकर हुआ. नाइट्रोजन पर 43.02 रुपये प्रति किलो, फॉस्फोरस पर 47.96 रुपये प्रति किलो, पोटाश पर 2.38 रुपये प्रति किलो और सल्फर पर 2.87 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी मंजूर हुई है जिससे किसानों को राहत मिलेगी.
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